तुझे बातों में लाना चाहता हूँ तिरी बातों में आना चाहता हूँ किसी का आस्ताना चाहता हूँ कहीं मैं सर झुकाना चाहता हूँ किसी सूरत बुला ले पास मुझ को मैं तेरे पास आना चाहता हूँ जुनूँ देखो कि उन की ही कहानी उन्ही को मैं सुनाना चाहता हूँ मुझे ऐ रहनुमा अब छोड़ तन्हा मैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँ ठहर जाए यूँही उन का तबस्सुम ठहर जाए ज़माना चाहता हूँ वो पैहम रूठ जाना चाहते हैं मैं हर सूरत मनाना चाहता हूँ