तुम ने जब मुझ से बिछड़ने की तमन्ना की थी मैं ने तूफ़ान से लड़ने की तमन्ना की थी आँधियाँ मेरे दरख़्तों को गिराने आईं मैं ने भी धूप से लड़ने की तमन्ना की थी फूल को उस से कुदूरत है तो बस इस लिए है उस ने तितली को पकड़ने की तमन्ना की थी बाग़ के पेड़ों की इस रूखी तबीअत के सबब सब्ज़ पत्तों ने भी झड़ने की तमन्ना की थी घास को तेरी नज़ाकत का कोई इल्म न था बस तिरे पाँव में पड़ने की तमन्ना की थी मैं ने इक रोज़ ख़ुदाओं का तकब्बुर तोड़ा और ख़ुदाई ने अकड़ने की तमन्ना की थी मो'तबर ठहरे मिरे देस में जब बे-हुनरे मैं ने उस वक़्त बिगड़ने की तमन्ना की थी उसी परवाने के दुश्मन हैं बहुत से अफ़राद जिस ने इक शम्अ जकड़ने की तमन्ना की थी अक़्ल को मैं ने कहीं सीने में गिरवी रख कर सारी दुनिया के उजड़ने की तमन्ना की थी आप कहते हैं तो ख़ामोश ही रहते हैं हम पर तअल्लुक़ ने झगड़ने की तमन्ना की थी बैज़ा-ए-चश्म में इक रोज़ समाने के लिए पूरी दुनिया ने सुकड़ने की तमन्ना की थी