तुम्हारे बाद तुम्हारा ख़याल आया है By Ghazal << वहीं पर हूँ जहाँ रुकता रह... सफ़र में हम अकेले तो नहीं... >> तुम्हारे बाद तुम्हारा ख़याल आया है मैं ला-जवाब हूँ कैसा सवाल आया है तुम्हारा साथ था मैं था उरूज पर अपने बस इस के बाद ही मुझ पर ज़वाल आया है तुम्हारे ज़िक्र से पहले ख़याल रस्मी थे और इस के बाद जो आया कमाल आया है Share on: