तुम्हारी बस्ती में कारख़ाना लगा हुआ है हमारे जैसों का आब-ओ-दाना लगा हुआ है यहाँ कोई चीज़ भी नहीं हो रही है ता'मीर ये सब अबस तोड़ना बनाना लगा हुआ है मिरी रविश तो ज़माने से थोड़ी मुख़्तलिफ़ है मिरे तआ'क़ुब में क्यों ज़माना लगा हुआ है इक ऐसे घोड़े की बाग हाथों में दी गई है जिसे मुक़द्दर का ताज़ियाना लगा हुआ है मैं रात के आख़िरी पहर से ये कह रहा हूँ कि मेज़ पर दोपहर का खाना लगा हुआ है वो क्या कि सब तिश्ना-कामियाँ जूँ की तूँ पड़ी हैं ये क्या कि दरिया का आबयाना लगा हुआ है उधर किसी और ही ज़माने का तय हुआ था इधर कोई और ही ज़माना लगा हुआ है है रूह-परवर 'अज़ीज़' ये जांकनी का आलम कि यार लोगों का आना जाना लगा हुआ है