तुम्हें इतना बता दूँ मैं किसी अंजाम से पहले बहुत से नाम आएँगे तुम्हारे नाम से पहले हर इक इकराम से पहले हर इक इनआ'म से पहले निमटना है मुझे यारो किसी इल्ज़ाम से पहले अंधेरे से बड़ा होता है देखो डर अंधेरे का चराग़ों को जला रक्खा है उस ने शाम से पहले मैं जब शोहरत के रस्ते पर निकलता हूँ तो मिलता हूँ गली के मोड़ पर बैठे किसी गुमनाम से पहले 'नईम' इस तरह पाता हूँ इबादत का शरफ़ मैं भी ख़ुदा का नाम लेता हूँ किसी भी नाम से पहले