तुम ने मुझ को वक़्फ़ा कह के छोड़ दिया था मैं ने बिल्कुल नया अनासिर फ़ील किया है ग़ौर करो तो हम ने बस शुरूआ'त ही कि है अभी तो बस अपने ही जहाँ को सील किया है 'मीर' तक़ी ने मौत को वक़्फ़ा ठहराया और अच्छी ख़ासी रवाँ नदी को झील किया है सोचो हम सब और भी क्या क्या कर सकते हैं हम ने सेब को दुनिया में तब्दील किया है पहली ठोकर के पत्थर ने राह बदल दी सो अब के इक चमक को संग-ए-मील किया है