उजाला कू-ब-कू है और क्या है मेरे हमराह तू है और क्या है तिरे एहसास की दस्तक हमेशा ख़यालों पर रफ़ू है और क्या है ये ख़ामोशी अचानक लग गई जो मुसलसल गुफ़्तुगू है और क्या है अगरचे दूर हो नज़दीक हो पर कमाल-ए-आरज़ू है और क्या है वहाँ बस में नहीं हूँ और सब है यहाँ बस तू ही तू है और क्या है अब इस से और ज़ियादा क्या बनाएँ तुम्हारी जुस्तुजू है और क्या है