उजली धूप में चलने वालो शाद रहो मेहनत कर के पलने वालो शाद रहो अब रौशन हैं मंज़र शोख़ हैं नज़्ज़ारे मंज़र में रंग भरने वालो शाद रहो इश्क़ मोहब्बत करना वैसे मुश्किल है फिर भी कोशिश करने वालो शाद रहो अपने आप सँभलना अच्छी आदत है ठोकर ठोकर गिरने वालो शाद रहो हक़ तो फिर भी हक़ है ग़ालिब आएगा हक़ की ख़ातिर लड़ने वालो शाद रहो क़िस्से में किरदार बदलते हैं पल में हर किरदार में ढलने वालो शाद रहो अपनी ख़ुशी से जीना मुश्किल होता है अपनी ख़ुशी से मरने वालो शाद रहो