उम्र गुज़री उस का चेहरा देखते By Ghazal << वक़्त की ताक़ पे दोनों की... जुनूँ के बाब में अब के ये... >> उम्र गुज़री उस का चेहरा देखते और जी लेते तो दुनिया देखते उस के बा'द आँखों के रेशे कट गए हम ने इक दिन उस को देखा देखते पानियों को पानियों से ख़ौफ़ था वर्ना इन आँखों से दरिया देखते Share on: