उन्हें फ़रियाद ना-ज़ेबा लगे है सितम करते बहुत अच्छा लगे है ख़ुदा उस बज़्म में हाफ़िज़ है दिल का यहाँ हर रोज़ इक चरका लगे है उन्हें अपने भी लगते हैं पराए पराया भी हमें अपना लगे है बग़ैर उस बेवफ़ा से जी लगाए जो सच पूछो तो जी किस का लगे है मोहब्बत दिल-लगी जानो हो प्यारे वही जाने है दिल जिस का लगे है उठा आगे से साक़ी जाम-ओ-मीना दिल अच्छा हो तो सब अच्छा लगे है ज़रा देख आइना मेरी वफ़ा का कि तू कैसा था अब कैसा लगे है ग़ज़ल सुन कर मिरी कहने लगे वो मुझे ये शख़्स दीवाना लगे है ज़रूर आया करो जलसे में 'आजिज़' न आओ हो तो सन्नाटा लगे है