उस अब्र से भी क़बाहत ज़ियादा होती है जिसे बरसने की आदत ज़ियादा होती है वो आबशार हैं उस के लबों में पोशीदा कि जिन से प्यास की शिद्दत ज़ियादा होती है वो मेरे पास न आने को देता है तरजीह जब उस को मेरी ज़रूरत ज़ियादा होती है रहूँ जो घर में तो तन्हाई काटने आए चलूँ जो राह तो वहशत ज़ियादा होती है मैं इक शजर हूँ मगर बर्ग-ओ-बार से आज़ाद हवा की मुझ पे इनायत ज़ियादा होती है यहाँ हमारे भी दिन थे बुज़ुर्ग कहते हैं नए लहू में बग़ावत ज़ियादा होती है