उस का लहजा ऐसा जैसे माचिस की इक तीली सी दिल पे सीधे लग जाती है उस की बात नुकीली सी सूखे सूखे लब हैं उस के उस की पलकें गीली सी जाने कैसा दर्द मिला है आँखें हैं पथरीली सी उर्यानी का रक़्स है जारी बस एक बटन दबाते ही नस्ल-ए-नौ देखे जाती है फिल्में नीली नीली सी इस रस्ते पे चलना बेहद मुश्किल बेहद मुश्किल है सच्चाई की राह है यारो राह भी वो पथरीली सी सस्ती है बेहद ये जाँ बच के रहना जान-ए-जाँ जाने कैसी हवा चली है साँसें हैं ज़हरीली सी **