उस की आँखों में मोहब्बत का सितारा होगा एक दिन आएगा वो शख़्स हमारा होगा ज़िंदगी अब के मिरा नाम न शामिल करना गर ये तय है कि यही खेल दोबारा होगा जिस के होने से मिरी साँस चला करती थी किस तरह उस के बग़ैर अपना गुज़ारा होगा इश्क़ करना है तो दिन-रात उसे सोचना है और कुछ ज़ेहन में आया तो ख़सारा होगा कौन रोता है यहाँ रात के सन्नाटों में मेरे जैसा ही कोई हिज्र का मारा होगा जो मिरी रूह में बादल से गरजते हैं 'वसी' उस ने सीने में कोई दर्द उतारा होगा काम मुश्किल है मगर जीत ही लूँगा उस को मेरे मौला का 'वसी' जूँही इशारा होगा