उस ने कहा था एक शब तुम ने मुझे बदल दिया कैसे कहूँ मैं उस से अब तुम ने मुझे बदल दिया जादू असर हर इक अदा चेहरा है या कि मो'जिज़ा दिखला के इक हसीन छब तुम ने मुझे बदल दिया देखो मिरी शरारतें शोख़ी भरी इबारतें चंचल था इस क़दर मैं कब तुम ने मुझे बदल दिया सरगोशियों का मैं हदफ़ हैरानियाँ हैं हर तरफ़ शश्दर है आइना अजब तुम ने मुझे बदल दिया दिल में है यूँ उमंग क्यों निखरा हुआ है रंग क्यों अब पूछते हो क्या सबब तुम ने मुझे बदल दिया इक हर्फ़-ए-इंतिज़ार हूँ हर आन बे-क़रार हूँ 'राग़िब' नहीं रहा मैं अब तुम ने मुझे बदल दिया