उसे अपना बना कर देखना है ये जोखिम भी उठा कर देखना है करें बातें दिलों की हम दो जानाँ जहाँ सारा भुला कर देखना है कि लफ़्ज़ों को बनाना है सितारे किताबों को सजा कर देखना है सर-ए-महफ़िल करें जो दिल-फ़रेबी अब उन को आज़मा कर देखना है अँधेरों से निभाना है मुझे अब चराग़ों को बुझा कर देखना है