उसे बारिशों ने चुरा लिया कि वो बादलों का मकीन था कभी मुड़ के ये भी तो देखता कि मिरा वजूद ज़मीन था वही एक सच था और उस के बा'द की सारी तोहमतें झूट हैं मिरे दिल को पूरा यक़ीन है वो मोहब्बतों का अमीन था उसे शौक़ था कि किसी जज़ीरे पे उस के नाम का फूल हो मुझे प्यार करना सिखा गया मिरा दोस्त कितना ज़हीन था कभी साहिलों पे फिरोगे तो तुम्हें सीपियाँ ही बताएँगी मिरी आँख में जो सिमट गया वही अश्क सब से हसीन था तुझे किस तरह से ख़बर हुई कि मिरी हयात सँवर गई ज़रा अपने दिल से तो पूछ ले ये गुमान था कि यक़ीन था