वफ़ादारी पे दे दी जान ग़द्दारी नहीं आई हमारे ख़ून में अब तक ये बीमारी नहीं आई ख़ुदा का शुक्र सोहबत का असर होता नहीं हम पर अदाकारों में रह कर भी अदाकारी नहीं आई अमीर-ए-शहर हो कर भी नहीं कोई तिरी इज़्ज़त तिरे हिस्से में ग़ैरत और ख़ुद्दारी नहीं आई हमारी दर्स-गाहों की निज़ामत ऐसी बिगड़ी है किताबें पढ़ के भी बच्चों में हुश्यारी नहीं आई लगाई आग उस ने शहर में इतनी सफ़ाई से कि उस के घर पे उड़ के इक भी चिंगारी नहीं आई अभी से किस लिए बेटे को भेजें नौकरी करने हमारे दस्त-ओ-पा में इतनी लाचारी नहीं आई मैं नादानी पे अपनी आज तक हैरान हूँ 'दाना' कि दुनिया को समझने की समझदारी नहीं आई