ये मिली ए'तिबार की क़ीमत लग गई मेरे प्यार की क़ीमत मुझ से इक जंग जीतनी थी उसे सो लगी मेरी हार की क़ीमत हम को इक फूल तक नसीब नहीं हम से पूछो बहार की क़ीमत आप को प्यार मिल गया अपना आप क्या जानो प्यार की क़ीमत आ के बाहोँ में भर लिया उस ने मिल गई इंतिज़ार की क़ीमत