वो चिलमन से बिजली गिराना तुम्हारा मुझे याद है मुस्कुराना तुम्हारा वो जाना पलट कर न आना तुम्हारा न भूलेगा ये दिल बहाना तुम्हारा अयाँ हो गया राज़-ए-दिल अहल-ए-दिल पर वो शरमा के नज़रें झुकाना तुम्हारा बना दो कि चाहे मिटा दो किसी को ख़ुदाई तुम्हारी ज़माना तुम्हारा कमाँ से निकल जो मिरे दिल में आया वो तीर-ए-नज़र का निशाना तुम्हारा कलीसा में दैर-ओ-हरम में भी ढूँढा न पाया कहीं भी ठिकाना तुम्हारा यक़ीनन तुम्हें याद आता तो होगा वो 'सागर' वो आशिक़ दीवाना तुम्हारा