वो हर मक़ाम से पहले वो हर मक़ाम के बाद सहर थी शाम से पहले सहर है शाम के बाद हर इंक़िलाब मुबारक हर इंक़िलाब अज़ाब शिकस्त-ए-जाम से पहले शिकस्त-ए-जाम के बाद मुझी पे इतनी तवज्जोह मुझी से इतना गुरेज़ मिरे सलाम से पहले मिरे सलाम के बाद चराग़-ए-बज़्म-ए-सितम हैं हमारा हाल न पूछ जले थे शाम से पहले बुझे हैं शाम के बाद ये रात कुछ भी नहीं थी ये रात सब कुछ है तुलू-ए-जाम से पहले तुलू-ए-जाम के बाद वही ज़बाँ वही बातें मगर है कितना फ़र्क़ तुम्हारे नाम से पहले तुम्हारे नाम के बाद हयात गिर्या-ए-शबनम हयात रक़्स-ए-शरर तिरे पयाम से पहले तिरे पयाम के बाद ये तर्ज़-ए-फ़िक्र ये रंग-ए-सुख़न कहाँ 'क़ाबिल' तिरे कलाम से पहले तिरे कलाम के बाद