वो जवाँ दिलों का हसीं मिलन तुझे याद हो कि न याद हो मुझे याद है मिरे कम-सुख़न तुझे याद हो कि न याद हो वो चहकता लहजा वो गुफ़्तुगू वो खनक तिरी सर-ए-आब-जू वो हसीन शाम का बाँकपन तुझे याद हो कि न याद हो वो मोहब्बतों की कहानियाँ वो रिफाक़तें वो जवानियाँ वो बदन में जागी हुई अगन तुझे याद हो कि न याद हो वो शरारतें वो लताफ़तें वो मोहब्बतें वो इनायतें वो महक-फ़शाँ तिरा पैरहन तुझे याद हो कि न याद हो मुझे याद है मिरे दिलरुबा वो ज़माना शोहर-ए-तइश्क़ का थे रक़ीब दोनों पे हर्फ़-ज़न तुझे याद हो कि न याद हो मिरे हम-नफ़स मिरे मेहरबाँ वो फ़ज़ा में उड़ता हुआ धुआँ वो ठिठुरती रातों का बाँकपन तुझे याद हो कि न याद हो तिरे हुस्न का जो फ़क़ीर था तिरी ज़ुल्फ़ का जो असीर था वो 'ख़तीब' ख़स्ता-ओ-कम-सुख़न तुझे याद हो कि न याद हो