वो मेरे ज़ेहन पे इतना सवार हो गया था मैं कम-सिनी में जुनूँ का शिकार हो गया था करेगा कौन तिरी वुसअतों का अंदाज़ा जो हम-कनार हुआ बे-कनार हो गया था तमाम उम्र फिर अपनी तलाश में गुज़री मैं अपने आप से इक दिन फ़रार हो गया था मुझे गँवा के लिया दिल ने सूझ-बूझ से काम फ़ुज़ूल-ख़र्च किफ़ायत-शिआ'र हो गया था भटक रहा था कोई सर-फिरी हवाओं में फिर इस के बा'द सुपुर्द-ए-ग़ुबार हो गया था मिली थी माँ की ग़ुलामी से ये सर-अफ़राज़ी कि बादशाहों में मेरा शुमार हो गया था मुझे भी अच्छे बुरे की शनाख़्त हो गई थी 'नसीम' जिन दिनों बे-रोज़गार हो गया था