वो मेरे साथ आने पे तय्यार हो गया सोते से हड़बड़ा के मैं बेदार हो गया उस के हसीन चेहरे पे ख़त ख़ूब था मगर दाढ़ी मुँडा के और तरह-दार हो गया बत्ती बुझा के हीरो हीरोइन लिपट गए क़िस्सा बहुत ही फिर तो मज़ेदार हो गया क़ातिल फ़रार हो गया पुलिस के आने तक इक राह-रौ बेचारा गिरफ़्तार हो गया उन को गुनाह करते हुए मैं ने जा लिया फिर उन के साथ मैं भी गुनहगार हो गया मर्दांगी का उस की बहुत शोर था मगर आई शब-ए-विसाल तो बीमार हो गया