वफ़ा ख़ुलूस मोहब्बत इबादतें उस की भुला न पाऊँगा यारो मोहब्बतें उस की क़दम क़दम पे मुझे जिस ने हौसला बख़्शा चराग़-ए-राह बनी हैं नसीहतें उस की हर एक मोड़ पे उस ने मुझे सँभाला है मैं ख़ुश-नसीब कि पाएँ रिफाक़तें उस की है कुछ तो बात यक़ीनन कि लोग कहते हैं यूँही नहीं हैं ज़माने में शोहरतें उस की