वो अक्स-ए-दिल-ए-आश्ना छोड़ आए कहीं भी जो नक़्श-ए-वफ़ा छोड़ आए जहाँ अहल-ए-ग़म नक़्श-ए-पा छोड़ आए दिलों के लिए रहनुमा छोड़ आए उजाला दिलों में न जब कर सके हम तमन्ना का जलता दिया छोड़ आए जो थे कुश्ता-ए-दर्द उन के लिए हम नहीं कुछ तो दिल की दुआ छोड़ आए 'फ़राज़' इस तरह ज़िंदगी है गुज़ारी कि गोया कोई हादसा छोड़ आए