वो दरिया है कोई सहरा नहीं है मगर पुर-जोश भी लगता नहीं है तुझे तेरा समुंदर हो मुबारक हमारी प्यास से अच्छा नहीं है वही बारिश का चर्चा कर रहे हैं बदन जिन का कभी भीगा नहीं है कभी देखा नहीं है हम ने वर्ना ज़मीं की वुसअ'तों में क्या नहीं है अभी से आ गई है रात मिलने अभी तो चाँद भी निकला नहीं है निगाहें तक रही हैं घोंसले की परिंदा लौट कर आया नहीं है मैं रुकने के लिए आया था घर में किसी ने क्यूँ मुझे रोका नहीं है कहाँ असरार अपने पा सकेगा अभी ख़ुद में कोई भटका नहीं है सभी किरदार अच्छे लग रहें हैं कहानी में कोई सच्चा नहीं है मह-ए-कनआँ' है अहद-ए-ना-रसाई अभी बाज़ार तक पहुँचा नहीं है ज़मीं पर ज़ोर है जादूगरों का असा-ए-हज़रत-ए-मूसा नहीं है समुंदर तो मथे जाती है दुनिया कोई भी विश मगर पीता नहीं है