वो जो कुएँ में डूबा होगा By Ghazal << मंसूर-वार महव-ए-तमाशा नही... गो चाहता था बहुत पर ये मु... >> वो जो कुएँ में डूबा होगा शायद कोई प्यासा होगा मन के नगर में आग लगी है ग़म का दीपक भड़का होगा सारी चीज़ें बिखरी पड़ी हैं घर में कोई आया होगा प्यार का जंगल सब्ज़ हुआ है ग़म का सावन बरसा होगा फूलों पर शबनम के क़तरे कोई 'अख़्तर' रोया होगा Share on: