वो मुसीबत में भी लाचार नहीं हो सकता हौसला रेत की दीवार नहीं हो सकता मैं कोई जुगनू नहीं हूँ जो पकड़ में आऊँ मैं तो झोंका हूँ गिरफ़्तार नहीं हो सकता जो है मुजरिम उसे सूली पे चढ़ा दो लेकिन हर मुसलमान तो ग़द्दार नहीं हो सकता सोने चाँदी के तराज़ू में न तोलो मुझ को मैं कभी बिकने को तय्यार नहीं हो सकता मैं ने आईने की तारीख़ पढ़ी है यारो झूट का वो तो तरफ़-दार नहीं हो सकता मैं ने सच्चाई पे सज्दे में कटा दी गर्दन मेरा सज्दा कभी बेकार नहीं हो सकता ऐसे डरपोक सफ़ीने को जला दूँ 'दानिश' डर के मौजों से जो उस पार नहीं हो सकता