या दिल की सुनो दुनिया वालो या मुझ को अभी चुप रहने दो मैं ग़म को ख़ुशी कैसे कह दूँ जो कहते हैं उन को कहने दो ये फूल चमन में कैसा खिला माली की नज़र में प्यार नहीं हँसते हुए क्या क्या देख लिया अब बहते हैं आँसू बहने दो इक ख़्वाब ख़ुशी का देखा नहीं देखा जो कभी तो भूल गए माँगा हुआ तुम कुछ दे न सके जो तुम ने दिया वो सहने दो क्या दर्द किसी का लेगा कोई इतना तो किसी में दर्द नहीं बहते हुए आँसू और बहें अब ऐसी तसल्ली रहने दो