या फ़क़ीरी है या कि शाही है By Ghazal << तुझ में कितना गुम हूँ और ... नेक-ओ-बद की जिसे ख़बर ही ... >> या फ़क़ीरी है या कि शाही है इश्क़ में दोनों रू-सियाही है इस तरह उस को मौत दे यारब ज़िंदगी मेरी जिस ने चाही है अपना दिखला दे गोशा-ए-दस्तार गुल को दावा-ए-कज-कुलाही है क्यूँके उस पर न ऐ 'रज़ा' मरिए ख़ूबसूरत और सिपाही है Share on: