याद है वो पुर-कैफ़ ज़माना हाए मोहब्बत हाए जवानी उन की कहानी मेरा फ़साना हाए मोहब्बत हाए जवानी हिज्र में उन के चैन न पाना रात को अक्सर नींद न आना उस पे सितम कोयल का तराना हाए मोहब्बत हाए जवानी नक़्श हैं दिल पर उन की जफ़ाएँ रास न आईं मुझ को वफ़ाएँ लुट गया सारा दिल का ख़ज़ाना हाए मोहब्बत हाए जवानी हुस्न की आराइश का वो मंज़र आइने में अक्स-ए-रुख़-ए-दिलबर दस्त-ओ-गरेबाँ काकुल-ओ-शाना हाए मोहब्बत हाए जवानी इस में बसे थे रंगीं जल्वे सीमीं जल्वे ज़र्रीं जल्वे दिल था मिरा इक आइना-ख़ाना हाए मोहब्बत हाए जवानी मेरा बुलाना उन का न आना उन का बुलाना मेरा न जाना तुर्फ़ा-कशाकश ताज़ा बहाना हाए मोहब्बत हाए जवानी उफ़ वो मिरे काशाने में अक्सर शब को तिरा आना छुप-छुप कर जाम-ब-कफ़ और ज़ुल्फ़-ब-शाना हाए मोहब्बत हाए जवानी क्या कहें हाल अपने दिल-ओ-जाँ का वक़्त-ए-सहर वो शोर अज़ाँ का और वो होना उन का रवाना हाए मोहब्बत हाए जवानी गुज़री कहानी याद फिर आई दिल में 'वली' इक हूक सी उट्ठी मेरी ग़ज़ल है दिल का तराना हाए मोहब्बत हाए जवानी