यार का ध्यान हम न छोड़ेंगे अपनी ये आन हम न छोड़ेंगे जब तलक दम में है हमारे दम तुझ को ऐ जान हम न छोड़ेंगे तेरे हाथों से ऐ जुनूँ साबित ये गरेबान हम न छोड़ेंगे है बड़ा कुफ़्र तर्क-ए-इश्क़-ए-बुताँ अपना ईमान हम न छोड़ेंगे बअ'द मजनूँ के शोर से ख़ाली ये बयाबान हम न छोड़ेंगे दिल में और हम में है ये क़ौल-ओ-क़रार उस को हर आन हम न छोड़ेंगे दिल न छोड़ेगा तेरा दामन और दिल का दामान हम न छोड़ेंगे बिन लिए बोसा आज तो तुझ को मान मत मान हम न छोड़ेंगे है 'हसन' वाँ यही जो बे-क़रनी कब तलक शान हम न छोड़ेंगे