यहाँ से जाए तमाम दुनिया मुझे बचाए तमाम दुनिया मुझे न टोके मैं सो रहा हूँ दिया जलाए तमाम दुनिया ज़रा थकावट सी हो रही है जगह बनाए तमाम दुनिया ज़मीन करवट बदल रही है ख़ला में आए तमाम दुनिया इस एक मिसरे में कुछ नहीं है गिरह लगाए तमाम दुनिया यहाँ पे मैं और वो रहेंगे यहाँ ना आए तमाम दुनिया मुझ ऐसा कोई ख़ुदा नहीं है अगर बनाए तमाम दुनिया