ये पानी यहीं था हमारे बिना अज़ल से कोई रूप धारे बिना ख़ुदा पर भरोसा नहीं हो रहा हवा चल रही है तुम्हारे बिना जो मरता न हो प्यार उस से करें कोई तो हो पैदा सहारे बिना यही सच है पर ये ही ग़फ़लत भी है कहीं कुछ नहीं है पुकारे बिना ख़ुदा को कभी तो हराएँगे हम मरेंगे नहीं जंग हारे बिना