यही नहीं कोई तूफ़ाँ मिरी तलाश में है कि मौसम-ए-ग़म-ए-जानाँ मिरी तलाश में है विसाल-रुत है मगर दिल को ऐसा लगता है सितारा-ए-शब-ए-हिज्राँ मिरी तलाश में है मैं फ़ैसले की घड़ी से गुज़र चुकी हूँ मगर किसी का दीदा-ए-हैराँ मिरी तलाश में है ये बे-यक़ीन सी आसूदगी बताती है कि एक क़र्या-ए-वीराँ मिरी तलाश में है मैं तीरगी में मोहब्बत की इक कहानी हूँ मूई चराग़ सा उनवाँ मिरी तलाश में है ये कैसा ख़्वाब था धड़का सा लग गया दिल को कि एक शख़्स परेशाँ मिरी तलाश में है