यारब तिरे करम से ये सौदा करेंगे हम दुनिया में पी के ख़ुल्द में तौबा करेंगे हम यूँ रस्म-ए-इश्क़-ओ-हुस्न को रुस्वा करेंगे हम तुम मुंतज़िर रहोगे न आया करेंगे हम आईने में ख़ुद अपना तमाशा करेंगे हम यूँ भी शब-ए-फ़िराक़ गुज़ारा करेंगे हम जब तक न नज़र आओगे ऐसा करेंगे हम हर रोज़ इक ख़ुदा को तराशा करेंगे हम तुझ को बिठा के दूर से देखा करेंगे हम यूँ भी तिरे ग़ुरूर से खेला करेंगे हम जा तुझ से बे-नियाज़ हुए भूले तेरा ज़िक्र तू चाहेगा तो तेरी तमन्ना करेंगे हम