ये दिल का इंकिशाफ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है जो का'बे पर ग़िलाफ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है थी अरिनी ज़िद किसी की और मिलने को गया कोई सो बात साफ़ साफ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है मिरी ख़िरद की हो गई जुनून से मुसालहत हर इक ख़ता मुआ'फ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है किसी के हिज्र ने उसे तबाह कर के रख दिया जो दिल में इक शिगाफ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है मिरे ही गिर्द गोल गोल घूमने लगा हूँ मैं ये मस्ती-ए-तवाफ़ है ये ऐन शीन क़ाफ़ है