ये दिल ख़ामोश कुछ ऐसे हुआ है मुझे लगता है जैसे मर चला है ख़ुदाया ख़ैर मेरे लश्करों की दिया जलता हुआ बुझने लगा है मैं सच का साथ देता हूँ हमेशा मिरे जितना कहाँ कोई बुरा है मिरी जाँ मैं तो फिर भी आदमी हूँ यहाँ लोगों को रब से मसअला है कहा तो कुछ नहीं है मैं ने ऐसा जो तू मुझ से ख़फ़ा होने लगा है तिरे बिन जी नहीं लगता है मेरा मोहब्बत ये नहीं तो और क्या है तबाही फैलती ही जा रही है ख़ुदावंदा ये सब क्या हो रहा है