ये दोस्ती का तक़ाज़ा है इस को ध्यान में रख हमेशा फ़ासला थोड़ा सा दरमियान में रख बदलने वाला है ख़ुर्शीद-ताब का मौसम तो कोई देर अभी ख़ुद को साएबान में रख सफ़ीना ख़ुद ही तिरा जा लगेगा साहिल से हवा लपेट के थोड़ी सी बादबान में रख सुबूत अपनी शुजाअ'त का तुझ को देना है शिकस्ता तीर कड़कती हुई कमान में रख तिरे सुख़न के सदा लोग होंगे गिरवीदा मिठास उर्दू की थोड़ी बहुत ज़बान में रख 'मुबारक' और कहीं पर पनाह-गाह न ढूँड तू अपने आप को अल्लाह की अमान में रख