ये ग़लत है ये साल ठीक नहीं हर घड़ी का मलाल ठीक नहीं ज़िंदगी इक ख़याल-ख़ाना है आप का ये ख़याल ठीक नहीं फूल को धूल की ज़रूरत है इस क़दर देख-भाल ठीक नहीं गिरने वाले ने सर उठा के कहा इन सितारों की चाल ठीक नहीं आईना-साज़ ठीक कहता है शीशागर की मिसाल ठीक नहीं साथ चलते रहो मगर ख़ामोश इस सफ़र में सवाल ठीक नहीं आप के नाख़ुनों से याद आया मेरे ज़ख़्मों का हाल ठीक नहीं इतनी छोटी सी बात पर 'इमरान' इतना गहरा मलाल ठीक नहीं