ये ग़म फिर से उभरता जा रहा है मुझे हैरान करता जा रहा है सुना मेयार गिरता जा रहा है मगर बंदा निखरता जा रहा है मुझे ये क्या हुआ है कुछ दिनों से तिरा एहसास मरता जा रहा है अमाँ इस ख़्वाब को भी क्या कहें अब बिखरना था बिखरता जा रहा है तिरा ख़ामोशियों को वक़्त देना सदाओं को अखरता जा रहा है हमीं ने ही उसे रस्ता दिया था हमीं पे पाँव धरता जा रहा है पुरानी देख कर तस्वीर तेरी नया हर दिन गुज़रता जा रहा है मैं जितनी और पीता जा रहा हूँ नशा उतना उतरता जा रहा है सुना है 'मीत' ख़्वाबों से निकल कर वो आँखों में ठहरता जा रहा है