ये घूँघट क्या बुर्क़ा क्या रिदा क्या उठा जब आँख का पर्दा रहा क्या ये सच है पेट ही ख़ाली अगर हो किसी का ग़म्ज़ा-ओ-नाज़-ओ-अदा क्या हवा गर जेल की खाए न लीडर उसे खद्दर पहनने का मज़ा क्या मोहज़्ज़ब ही रहे ता'लीम के बाद तो फिर स्कूल में तुम ने पढ़ा क्या हो दाख़िल जब हवा में ऑक्सीजन अबस कोई करे फ़िक्र-ए-ग़िज़ा क्या उठा कर पी लिया इक जाम-ए-रंगीं फ़क़त ख़ुशबू ही उस की सूँघता क्या नहीं माँ बाप की इज़्ज़त सलामत चची क्या चीज़ है 'हाशिम' चचा क्या