ये जैसा कहते हैं वैसा नहीं है मोहब्बत से तुम्हें ख़तरा नहीं है है नाकामी मिरी या कामयाबी उसे मुझ से गिला होता नहीं है मैं उस का मुंतज़िर हूँ मुद्दतों से जिसे मेरी तरफ़ आना नहीं है हैं ज़िंदाबाद उम्मीदें तुम्हारी हमारा दिल अभी बैठा नहीं है मोहब्बत से निकल आए थे और अब कहीं पर भी सुकूँ मिलता नहीं है भले जैसा रवा रक्खो रवय्या मुझे बस छोड़ कर जाना नहीं है उसी के पास बैठे रहते हैं हम हमारे पास जो होता नहीं है 'फ़िगार' उस को दु'आएँ दो कि उस ने कहीं का भी तुम्हें छोड़ा नहीं है