ये ख़ल्क़ सारी हवा मेरे नाम कर देगी मिरे चराग़ों का जीना हराम कर देगी सुना है धूप को घर लौटने की जल्दी है वो आज वक़्त से पहले ही शाम कर देगी कुछ और देर जो ठहरा मैं उस की आँखों में तो चाँद तारों को मेरा ग़ुलाम कर देगी मैं अपने दौर से बद-ज़न हूँ इब्तिदा तो करूँ कि अगली नस्ल मिरा बाक़ी काम कर देगी फिर इस के ब'अद वो मुझ से लिपट के रोएगी सफ़र का ठीक से सब इंतिज़ाम कर देगी ख़रीदने से तो बेहतर है उस को माँग ही लूँ वगर्ना ऊँचे बहुत अपने दाम कर देगी बताओ इस में भी उस का कोई ख़सारा है वो शहर-ए-ख़्वाब अभी मेरे नाम कर देगी