ये क्या पड़ी है तुझे दिल जलों में बैठने की ये उम्र तो है मियाँ दोस्तों में बैठने की छुपाई जाती नहीं ज़र्दियाँ सो दूर हूँ मैं वगर्ना होती है ख़्वाहिश गुलों में बैठने की शुमार मेरा भी करते हैं लोग इन में मगर मिरी मजाल कहाँ शाइ'रों में बैठने की अभी न उँगली उठा मुझ पे थोड़ी मोहलत दे तमीज़ सीख रहा हूँ बड़ों में बैठने की मुझे बदल के कोई और ही बना दिया है कि इंतिहा है ये सूरत-गरों में बैठने की दिखा रहे हैं तवातुर से ख़ामियाँ मेरी भगत रहा हूँ सज़ा आइनों में बैठने की नहीं मजाल किसी की कि मुंतशिर कर दे बना चुके हैं जो आदत सफ़ों में बैठने की ख़ज़ाने लुटते रहेंगे ये ख़ाली होने तक उजाड़ देगी ये आदत घरों में बैठने की ख़ुदा अता करे ओहदा बड़ा ग़रीब को और बदल सके न वो ख़ू नौकरों में बैठने की ख़ुशामदी नहीं रखता है अपने काम से काम तो क्या पड़ी है तुझे अफ़सरों में बैठने की ये दिल स्कैन कराना बहुत ज़रूरी है कि इत्तिलाअ' है तिरे धड़कनों में बैठने की हयात सू-ए-अदम ले के जा रही हैं 'उमर' जो आदतें हैं गए मौसमों में बैठने की