ये नफ़्स हमारा दुश्मन है इसे राह पे लाना मुश्किल है औरों को मनाना आसाँ है इस दिल को मनाना मुश्किल है आता है हमें भी ऐ वाइज़ तेरी ही तरह तक़रीर का फ़न बातों का बनाना आसाँ है कुछ कर के दिखाना मुश्किल है दो लफ़्ज़ ज़बाँ पर आते हैं रिश्ते क़ाएम हो जाते हैं रिश्तों का बनाना आसाँ है रिश्तों का निभाना मुश्किल है माना कि सभी इंसान ही हैं एहसास भी है जज़्बात भी हैं हाथों का मिलाना आसाँ है पर साथ निभाना मुश्किल है इसराफ़ के जो हैं शैदाई शैतान के होते हैं भाई पैसों का लुटाना आसाँ है पैसों का कमाना मुश्किल है हक़ बात जिसे तुम कहते हो हक़ है कि यही सच्चाई है पर ये भी हक़ीक़त है यारो मानेगा ज़माना मुश्किल है इंसान के हाथों में जाज़िब ता'मीर भी है तख़रीब भी है सौ शमएँ बुझाना आसाँ है इक शम्अ' जलाना मुश्किल है