यूँ तो अक्सर दिल भी धड़के चेहरे पर जो कुछ हैं आँखें हैं मेरे चेहरे पर पढ़ने वाली आँख वज़ीफ़ा करती है लिख देता है प्यार सहीफ़े चेहरे पर मेरे चेहरे पर लिक्खा है नाम मिरा और तिरी तस्वीर है तेरे चेहरे पर शाम से पहले रात उतरने लगती है हँस देते हैं जब आईने चेहरे पर पहले मेरी आँखों को ज़ंजीर किया फिर खोले सातों दरवाज़े चेहरे पर तेरे ग़म ने हर आलम पहचान लिया मैं ने क्या क्या चेहरे ओढ़े चेहरे पर साल गुज़र जाते हैं इश्क़ में और 'मुनीर' थम कर रह जाते हैं लम्हे चेहरे पर