यूँही रहा जो बुतों पर निसार दिल मेरा करेगा मुझ को ज़माने में ख़्वार दिल मेरा चली चली मिज़ा-ए-अश्क-बार आँख मिरी जला जला नफ़स-ए-शोला-बार दिल मेरा अजीब मूनिस ओ हमदर्द ओ ज़ी-मुरव्वत था ग़रीक़-ए-रहमत-ए-पर्वरदिगार दिल मेरा वफ़ूर-ए-शर्म से वाँ इज्तिनाब मद्द-ए-नज़र हुजूम-ए-शौक़ से याँ बे-क़रार दिल मेरा बना दिया उसे ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-नुमा 'बेख़ुद' हुआ है आईना-ए-हुस्न-ए-यार दिल मेरा