यूँ ख़ाना-ए-क़ुदरत की तहरीर नज़र आई तदबीर से जब हारे तक़दीर नज़र आई अग़्यार हँसें बोलें हम साँस न लें खुल कर इस बज़्म में ये अपनी तौक़ीर नज़र आई गेसू के तसव्वुर में सोया जो मैं दीवाना बस आँख झपकते ही ज़ंजीर नज़र आई सोज़-ए-तप-ए-फ़ुर्क़त से ये हाल हुआ 'वासिफ़' तस्वीर के काग़ज़ में तबख़ीर नज़र आई