ज़ब्त-ए-ग़म का पयाम अरे तौबा और मिरे दिल के नाम अरे तौबा ज़ाहिद और मय का जाम अरे तौबा उन से ये नेक काम अरे तौबा हश्र-सामाँ है हश्र-मंज़र है तेरी मश्क़-ए-ख़िराम अरे तौबा आशिक़ों की नमाज़ ऐ ज़ाहिद सू-ए-बैत-उल-हराम अरे तौबा मैं वफ़ा की उमीद रखता हूँ तुझ से ओ फ़ित्ना-काम अरे तौबा पड़ गए हाए जान के लाले इश्क़ का इंतिक़ाम अरे तौबा 'आरज़ू' छोड़ कर दर-ए-जानाँ तौफ़-ए-बैत-उल-हराम अरे तौबा